13 फ़रवरी 2018

किसानों का मित्र माटी फाउंडेशन

जयदीप कुमार
दिल्ली विश्वविद्यालय

माटी फाउंडेशन ! जहाँ केचुए को किसान का सबसे अच्छा मित्र कहा गया हैं वही माटी फाउंडेशन भी किसानों का सबसे अच्छा मित्र साबित हो रहा हैं। माटी फाउंडेशन एक किसानों का एनजीओ हैं जो उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के अंतर्गत परशुरामपुर और तहसील धनघटा गाँवो के परिवारों के बेहतर जीवन को बढ़ाने और स्थायी सामाजिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है भारतीय ट्रस्ट अधिनियम के तहत पंजीकृत माटी फाउंडेशन लाभप्रद संगठन नहीं है जो आर्थिक स्वतंत्रता के लिए प्रयास करने और उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में गरीबी की स्थिति से बाहर निकलने में लोगों की एकता के लिए खड़ा हैं और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं और किसानों प्रोत्साहित करता हैं
 माटी फाउंडेशन की टीम बीज इकाई का सर्वेक्षण करते हुए

माटी फाउंडेशन की महत्वपूर्ण चिंता हैं परिवारों का स्वास्थ्य ।फाउंडेशन का मानना हैं कि एक समाज का स्वास्थ्य प्रबंधन पौष्टिक भोजन की निरंतर आपूर्ति हैं । पौष्टिक भोजन की स्थानीय उपलब्धता एकीकृत कृषि पद्धति के साथ खेती को बेहतर बनाने पर निर्भर करती है जो पोषक तत्वों की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकती हैं ।
 सरसों की खेती का अवलोकन करते हुए माटी फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉ देवेंद्र जी के साथ हनुमान जी
माटी फाउंडेशन मिशन क्या हैं ? ( माटी फाउंडेसन के साईट से - http://www.maatee.org)
प्राकृतिक संसाधनों के न्यायसंगत और न्यायपूर्ण उपयोग के माध्यम से समाज के विकास की कार्य योजना होगी। प्रत्येक गांव के लिए जैवविविधता रजिस्ट्रीकरण करने के लिए हर तीन साल में ग्रामीण प्राकृतिक संसाधनों का आकलन और सूचीबद्ध किया जाएगा। परिवार के स्वास्थ्य और पोषण में सभी पारंपरिक ज्ञान और प्रथाओं को सूचीबद्ध करने की आवश्यकता सर्वोपरि है। ये ज्ञान पूल पंचायती राज प्रणाली में ज्ञान वाल्टों के रूप में संग्रहित किए जाएंगे। इन खजाने को सार्वजनिक भंडार में सुरक्षित किया जाएगा जिसमें सभी सुरक्षा विशेषताएं हैं।

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