tag:blogger.com,1999:blog-23143262647704447362024-03-14T02:46:57.870+05:30JAYDEEP KUMARऐसे कवि, लेखक, पत्रकार जो अपने हुनर को सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के सामने रखना चाहते है। JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-3323319006363826022021-01-27T12:03:00.003+05:302021-01-27T12:03:33.168+05:30भारतीय सिनेमा<p> </p><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-F-WwKJOUeLQ/YBEJF1c9N9I/AAAAAAAAKqE/ZQXwdRBuxzM4pr-dsUoCcn1J8PtL8vtZgCLcBGAsYHQ/s660/images%2B%25288%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="370" data-original-width="660" src="https://1.bp.blogspot.com/-F-WwKJOUeLQ/YBEJF1c9N9I/AAAAAAAAKqE/ZQXwdRBuxzM4pr-dsUoCcn1J8PtL8vtZgCLcBGAsYHQ/s320/images%2B%25288%2529.jpeg" width="320" /></a></div><br /><span style="font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">कहा जाता है कि सिनेमा समाज का दर्पण होता है समाज की संस्कृति को बताने का एक माध्यम होता है समाज में बदलाव लाने का काम करता है वास्तव में सिनेमा वही है जो समाज को आईना दिखाएं और उसकी विविधता और संस्कृति को बनाए रखें और समाज के हर तबके के लोगों को वैसे ही चित्र करें जैसे में होते हैं ऐसे में सिनेमा ऐसा काम तभी कर सकती है जब वहां की भाषा ज़ी सिनेमा का भागबन करके उन लोगों तक पहुंच सके इसलिए क्षेत्रीय सिनेमा के दौर में लगभग हर भाषा में फिल्में बनाई जा रही इसी तरीके से भोजपुरी फिल्म उत्तर पूर्वी और बिहार के लोगों के लिए उनके रहन-सहन खानपान और उस समाज की स्थिति संस्कृति पेश कर पूरे देश में ही नहीं पूरे विश्व में लोगों के सामने एक संदेश भेज सकती है इन सब चीजों को ध्यान में रखें तो ऐसे में सिनेमा पर शोध करना तब और जरूरी हो जाता है जब सिनेमा सामाजिक बदलाव का एक माध्यम बन जाती है आज के दौर में खासकर तवा और जब तकनीक का विकास दिन प्रतिदिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हूं और उसके माध्यम से समाज की सकारात्मक और नकारात्मक छवि दोनों बनाई जा रही इसलिए सिनेमा पर शोध करना तब और जरूरी हो जाता है जब सिनेमा ही सामाजिक बदलाव के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य कर रही हो ऐसे में भोजपुरी सिनेमा को हम ध्यान में रखकर की उसकी लोकप्रियता की बात करते हैं और जानते हैं क्या कि उसकी लोकप्रियता की अन्य पैमानों में से एक पैमाना गाने का क्या महत्व है जैसा कि पता है कि गाने मनोरंजन का साधन तो होती है खासकर गाने को अगर फिल्में रख कर के सुना जाए तो वह थाने में ही तो वह गाने नहीं फिल्म की पूरी कहानी को एक तरीके से बयां करने की कोशिश करते हैं मनोरंजन के साथ-साथ गाने लोकप्रिय भी होते हैं तो सिनेमा भी लोकप्रिय होने की यादें संभावनाएं बनती है</span><p></p>JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-33843400412488039312021-01-27T12:00:00.003+05:302021-04-05T01:01:18.917+05:30फ़िल्म एक सामाजिक आईना हैं<p><span face="sans-serif" style="font-size: 12.8px;">समाज में फैली कुरीतियों को रोकने के लिए किसी ना किसी को आगे आना पड़ता है। जरूरी नहीं वह नेता ही हो। अगर अभिनेता भी अपने अभिनय के माध्यम से लोगों को जागरूक करे तो वह बदलाव ला सकता है। </span></p><div class="mail-message expanded" id="m#msg-a:r-3671945593287387706" style="font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;"><div class="mail-message-content collapsible zoom-normal mail-show-images" style="margin: 16px 0px; overflow-wrap: break-word; user-select: auto; width: 328px;"><div class="clear"><div dir="auto"><div dir="auto">समय-समय पर सामाजिक बदलाव के साथ मनोरंजन के लिए फिल्में बनती रही हैं। किसी प्रकार का संदेश देने के लिए भी फिल्में बनाई जाती रही हैं।</div><div dir="auto">अब तक हम बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों को याद करते रहे हैं। लेकिन अगर भारत में बात करें तो तेजी से लोकप्रिय हो रहे राज्य स्तरीय फिल्में या अलग-अलग भाषाई आधार पर बन रही फिल्में लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं। इसीलिए आजकल हम मराठी, हरियाणवी, पंजाबी, भोजपुरी आदि फिल्मों के नाम भी याद रखते हैं और उसे भी देख लेते हैं। ऐसा इसलिए सम्भव हो पाता है क्योंकि ज्यादातर ऐसी भाषाई फिल्मों को ग्लोबल स्तर पर लोग इसलिए देख लेते हैं क्योंकि उनके अनेक वर्जन बनाये जा रहे हैं। अगर साउथ इंडियन फ़िल्म है तो उसकी हिंदी में डब किया हुआ वर्जन भी लोगों के द्वारा देखा जाता है। यहां इसलिए इस पर चर्चा की जा रही हैं क्योंकि भाषा कहीं पर भी बाधा बनने ही नहीं पाती और केवल वहां की चीजों खासकर फिल्म के अभिनय, थीम, कहानी से लोग परिचित होना चाहते हैं। दिनोंदिन इन फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता से इनका भी बड़े स्तर पर उद्द्योग स्थापित होना बड़ी बात नहीं है।</div><div dir="auto">हम इन्हीं में से एक भोजपुरी फ़िल्म की बात करने जा रहे हैं।</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/67889/4" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;" target="_blank"><img border="0" data-original-height="445" data-original-width="689" src="https://1.bp.blogspot.com/-61tzvVI9Ky4/YBEIbvSzB6I/AAAAAAAAKp8/F2voXHSXz98_y41mzi-V2SoEfh75MMwwwCLcBGAsYHQ/s320/images%2B%25287%2529.jpeg" width="320" /></a></div><br /><div><br /></div></div></div></div><div class="mail-message-footer spacer collapsible" style="height: 0px;"></div></div>JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-84375497200169015482021-01-27T02:24:00.002+05:302021-01-27T02:24:35.864+05:30भोजपुरी सिनेमा अश्लीलता का सिनेमा क्यो कहा जाता हैं<p> <span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">भोजपुरी सिनेमा यानी फूहड़ सिनेमा</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">,</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">द्विअर्थी संवादों वाला सिनेमा</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">,</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">मसालेदार सिनेमा</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">,</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">परिवार के साथ बैठ कर न देखा जाने वाला सिनेमा</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">…!</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">पिछले कुछ समय में भोजपुरी फिल्मों की भले ही यह छवि बनी हो लेकिन सच यह है कि कोई वक्त था जब भोजपुरी सिनेमा बेहद समृद्ध और संपन्न था। बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे कि भोजपुरी सिनेमा की शुरूआत का श्रेय भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के उस आह्वान को जाता है जो उन्होंने मुंबई फिल्मोद्योग के सामने किया था और जिससे प्रेरित होकर हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता नजीर हुसैन ने पहली भोजपुरी फिल्म </span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">‘</span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">गंगा मइया तोहे पियरी चढ़ैइबो</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">’</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">बनाने जैसा भगीरथ काम अंजाम दिया था।</span><span lang="HI" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">बीते छह दशकों में भोजपुरी सिनेमा में किस किस्म के बदलाव आए</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">,</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">किन संकरे</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">,</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">पथरीले और अंधेरे रास्तों से होकर यह सिनेमा गुजरा</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">,</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">किस तरह से इसकी तरक्की हुई और फिर कैसे यह पतन की राह पर चल पड़ा</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">,</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">कैसे बाजार ने इस सिनेमा में अपनी घुसपैठ की और भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल न करने से इस पर कैसा असर पड़ा। ऐसे ढेरों विषयों को अपने में समेटे </span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">‘</span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">भोजपुरी फिल्मों का सफरनामा</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;">’</span><span style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt;"> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif; font-size: 11pt;">नाम की यह किताब न सिर्फ पाठकों की जिज्ञासा को शांत करती है बल्कि यह उम्मीद भी जगाती है कि यदि भोजपुरी सिनेमा से जुड़े लोग जरा-सा संभल जाएं तो एक बार फिर से इस सिनेमा के अच्छे दिन आ सकते हैं। दिल्ली के प्रभात प्रकाशन से आई इस किताब में लेखक रविराज पटेल का इसे लिखने के लिए किया गया शोध और संघर्ष साफ झलकता है और यही वजह है कि भोजपुरी सिनेमा के अब तक के सफर व मौजूदा दशा पर यह एक उल्लेखनीय दस्तावेज बन कर सामने आती है।</span></p><p class="MsoNormal" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt; margin: 0in 0in 0.0001pt;"> </p><p class="MsoNormal" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt; margin: 0in 0in 0.0001pt;"> </p><p class="MsoNormal" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt; margin: 0in 0in 0.0001pt;"> </p><p class="MsoNormal" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt; margin: 0in 0in 0.0001pt;"> </p><p class="MsoNormal" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt; margin: 0in 0in 0.0001pt;"> </p><p class="MsoNormal" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt; margin: 0in 0in 0.0001pt;"><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif;">दीपक दुआ</span></p><p class="MsoNormal" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt; margin: 0in 0in 0.0001pt;"> </p><p class="MsoNormal" style="font-family: Calibri, sans-serif; font-size: 11pt; margin: 0in 0in 0.0001pt;"><span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif;">लेखक वरिष्ठ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। साल </span>1993<span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif;"> से फिल्म</span>–<span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif;">पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज से घुमक्कड़। सिनेमा विषयक लेख</span>, <span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif;">साक्षात्कार</span>, <span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif;">समीक्षाएं व रिपोर्ताजलिखने वाले दीपक कई समाचार पत्रों</span>, <span lang="HI" style="font-family: Mangal, serif;">पत्रिकाओं के लिए नियमित लिखते हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।</span></p>JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-55377181735507691412021-01-27T02:21:00.001+05:302021-01-27T02:21:57.656+05:30मरद अभी बच्चा बा, आइटम सॉन्ग<h2 style="text-align: left;"><span face="sans-serif" style="font-size: 12.8px;"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-kErOf-0__C8/YBCA4nruYSI/AAAAAAAAKpY/2tX3kMuh2iwN_SnrMPiVR6KNg2egCKzqgCLcBGAsYHQ/s639/images%2B%25286%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="480" data-original-width="639" src="https://1.bp.blogspot.com/-kErOf-0__C8/YBCA4nruYSI/AAAAAAAAKpY/2tX3kMuh2iwN_SnrMPiVR6KNg2egCKzqgCLcBGAsYHQ/s320/images%2B%25286%2529.jpeg" width="320" /></a></div><br />मरद अभी बच्चा बा, आइटम सॉन्ग </span><span face="sans-serif" style="font-size: 12.8px;">दुल्हिन गंगा पार के इस फ़िल्म का यह गाना यूट्यूब पर 100 मिलियन से अधिक पर देखा जा चुका हैं गाने में आम्रपाली दुबे और खेसारी लाल यादव मुख्य भूमिका में हैं गीत को खेसारी लाल यादव और प्रियंका सिंह में आवाज दिया हैं गीत को पवन पांडे और संगीत को मधुकर आन्नद ने दिया हैं । अगर बात करे ये गाना फ़िल्म में कितना जरूरी था तो ये गाना फ़िल्म के कहानी के हिसाब से इस गाने का कोई मोल फ़िल्म में नही था । बस दर्शक को फ़िल्म की तरफ आकर्षित करने के लिए इस गाने को फ़िल्म में डाल गया । गीत में आम्रपाली दुबे का बोल्ड अदाएं और खेसारी लाल का बम्पर डांस फ़िल्म को लोकप्रिय बनने का काम करती हैं । फ़िल्म के रिलिक्स भी बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया गया । गीत के रिलिक्स की बात के तो गीत में सुहागिन औरत अपने पति को बच्चा बता रही हैं</span></h2><div class="mail-message expanded" id="m#msg-a:r-9221125402848174040" style="font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;"><div class="mail-message-content collapsible zoom-normal mail-show-images" style="margin: 16px 0px; overflow-wrap: break-word; user-select: auto; width: 328px;"><div class="clear"><div dir="auto">फुलत देह तोहार झूलत जाता इ ना अच्छा बा,<br />फुलत देह तोहार झूलत जाता इ ना अच्छा बा,<br />का बताई हो..( है बताई हो...)<br />कबो सेजिया पे मारे नही गच्चा,<br />मरद अभी बच्चा बा ,<br />कबो सेजिया पे मारे नही गच्चा<br />मरद अभी बच्चा बा...<br />चाईली आग जैसे तावा मारता जवानी,<br />सुना जाईबु तू ठंढाई बिना बर्फ के पानी ये रानी,-2<br />दूध होर्लिक्स पियाव रोज रोज यदि कच्चा बा,- 2<br />कईसे कही हो...<br />कबो सेजिया पे मारे नही गच्चा,<br />मरद अभी बच्चा बा ,<br />कबो सेजिया पे मारे नही गच्चा<br />मरद अभी बच्चा बा...<br />गीत का संगीत बहुत ही लाजवब बनाया गया हैं जो फ़िल्म के इस गाने को और भी लोकप्रिय बनाती इस गाने को यूट्यूब पर पहले रिलीज किया गया गाना रिलीज होते 24 घण्टे के अंदर 8 मिलियन लोगो मे देखा जिसका प्रभाव फ़िल्म पर भी पड़ा और इस गाने ने फ़िल्म की लोकप्रियता को काफी हद तक बढ़ाया हैं।<br /></div><div><br /></div></div></div><div class="mail-message-footer spacer collapsible" style="height: 0px;"></div></div>JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-84008478939058717802021-01-27T01:25:00.001+05:302021-01-27T02:22:45.043+05:30तुमसे कुछ कहना हैं <p></p><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-pGVCXNrqIA8/YBCBFS1HCbI/AAAAAAAAKpc/_vpu1zOLvbc_W2SYpt6kFjeSOtzzHGSYwCLcBGAsYHQ/s649/images%2B%25285%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="472" data-original-width="649" src="https://1.bp.blogspot.com/-pGVCXNrqIA8/YBCBFS1HCbI/AAAAAAAAKpc/_vpu1zOLvbc_W2SYpt6kFjeSOtzzHGSYwCLcBGAsYHQ/s320/images%2B%25285%2529.jpeg" width="320" /></a></div><br />तुमसे कुछ कहना चाहता हूं अंदर ही अंदर टूटता जा रहा हूँ । तुम हमेशा मेरे ऊपर गुस्सा करती हो शायद आज उसी डर से तुमसे कुछ कह नही पा रहा हूँ कि कंही तुम फिर गुस्सा ना हो जाओ । मुझे नही पता मैं गलत हूँ या तुम । plz मुझसे अच्छे से बात करो मैं बीमार होता चला जा रहा हूँ और तुमसे दूर भी । आज कल तो जब भी बेचैनी और दर्द होता हैं तो रो लेता हूँ थोड़ा समय के लिए आराम मिल जाता हैं । तुम मुझे क्यो नही समझ पा रही हो । <p></p>JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-27251589611603759842019-04-29T22:13:00.002+05:302019-04-29T22:13:37.287+05:30माँ तुझे सलाम भोजपुरी फ़िल्म<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://3.bp.blogspot.com/-WQD2qwK7a1g/XMcpkvmqqdI/AAAAAAAAHhg/mJYUIsDl7QA5Tc65J3Wdo6kJu93ubzYqACLcBGAs/s1600/images%2B%25281%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="306" data-original-width="459" height="213" src="https://3.bp.blogspot.com/-WQD2qwK7a1g/XMcpkvmqqdI/AAAAAAAAHhg/mJYUIsDl7QA5Tc65J3Wdo6kJu93ubzYqACLcBGAs/s320/images%2B%25281%2529.jpeg" width="320" /></a></div>
यशी फिल्म्स प्रा.लि. के बैनर तले बनी फिल्म 'माँ तुझे सलाम' यह भोजपुरी फ़िल्म देश भक्ति फ़िल्म के साथ सामाजिक सन्देश देने वाली फिल्म हैं ऐसी फिल्म बनने से हिंदू मुस्लिम में एकता का संचार होता है। फ़िल्म में जबरदस्त एक्शन देखने को मिलेगा हम कह सकते हैं ये फ़िल्म कर्मशियल फ़िल्म हैं । और इसकी कहानी बिल्कुल अलग और नई हैं जिसे पूरे परिवार के साथ बैठ कर देखा जा सकता हैं<br />
माँ तुझे सलाम फ़िल्म के निर्माता अभय सिन्हा हैं, जबकि निर्देशक असलम शेख हैं और संगीतकार अविनाश झा घुघुरु ने दिया हैं । पवन सिंह फल्स फ़िल्म में बजरंगी अली खान की भूमिका और पूजा शर्मा / अयात खान के रूप में मधु शर्मा और साथ में अभय प्रताब के रूप में सुरेंद्र पाल तथा गीता के रूप में अक्षरा सिंग मुख्य भूमिका में नजर आयी । फ़िल्म की कहानी बहुत अलग हैं फ़िल्म में एक्शन से साथ रोमांस कॉमेडी भी देखने को मिलेगा । बजंरगी नाम हिन्दू पर धर्म से मुस्लिम 26/11 ताज अटैक मुबई बम्ब अटैक का बदला लेने पाकिस्तान पहुच जाता हैं और पाकिस्तान के आतंकवादियों को खत्म करता हैं फ़िल्म में दो गाने सुपर डुपर हिट सांग हैं औऱ जहाँ फ़िल्म में एक्शन से दर्शक का मन अशान्त हो जाता हैं वही फ़िल्म के गाने मन को शांत करने की कोशिश करते हैं । <br /></div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-89123219701730383132019-04-29T22:11:00.001+05:302021-10-16T12:32:31.279+05:30जियरवा करे धुकुर धुकुर- दुल्हिन गंगा पार के<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/106166/4" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="360" data-original-width="480" height="300" src="https://1.bp.blogspot.com/-NwDktoTarfo/XMco-Qwc0GI/AAAAAAAAHhY/-eql_gomwhQrkobtufwrX-gmPqod8pz0QCLcBGAs/w400-h300/images.jpeg" width="400" /></a></div>
जियारवा करे धुकुर धुकुर यह दुल्हिन गंगा पार के का दूसरा हिट सांग हैं इस गाने को आवाज खेसारीलाल यादव और प्रियंका सिंग ने दिया हैं गाने के बोल आजाद सिंह ने लिखे हैं।<br />
यह गाना एक दिन में 2.3 लाख लोगो मे देखा जो फ़िल्म के लिए बहुत ही अच्छी बात हैं और इसका प्रभाव फ़िल्म भी दिखा यह गाना फ़िल्म के कहानी के हिसाब से सही और इस गाने जी डिमांड भी थी। अब गाने की बात करे तो गाने का म्यूजिक लाजवाब हैं जिसे सुन कर दर्शक पागलो की नाचने पर मजबूर हो जाएंगे । गाने में खेसारी लाल और काजल राघवानी का डांस दर्शको को सिनेमा घरों तक खींच के ले आती हैं कह सकते हैं कि फ़िल्म को हिट करने में इस गाने का बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही हैं ।गाने के रिलिक्स आजाद सिंह ने लिखा और बहुत ही सुंदर लव सांग हैं गाने का रिलिक्स देखने से लगता हैं ये लव सॉन्ग हैं <br />
केसिया कारी खोल के,<br />
हाय हेलो बोल के ,<br />
गर्दा तू उड़ा देहलू,<br />
हिरानी जईसे डोल के...-2<br />
गोरी से जईसे जईसे आवेलु नियरवा..,<br />
जियारवा करे,<br />
धुकुर धुकुर धुकर धुकर धुकुर धुकुर-2<br />
ये जाना उतना ही साफ सुथरा बनाया गया जितना इस गाने के रिलिक्स लिखे गए हैं आप अपने परिवार के साथ ये गाना देख सकते अधिकार भोजपुरी गाने अश्लीलता का सहारा लेते हैं गाने को चलाने के लिए लेकिन ये गाना बहुत ही साफ सुथरा गाना हैं एक ये भी वजह हैं फ़िल्म का गाना अश्लील नही हैं इस लिए गाना फ़िल्म को और भी लोकप्रिय बनाती हैं क्योंकि फ़िल्म पारिवारिक फ़िल्म हैं ये गाना फ़िल्म के महत्व को बढ़ती हैं ।</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-87557426176971941752019-04-28T20:25:00.000+05:302019-04-28T20:25:00.447+05:30मरद अभी बच्चा बा - दुलहिन गंगा पार के<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://4.bp.blogspot.com/-cMCGAfsHSgY/XMW-sSi5spI/AAAAAAAAHg8/386ndvNlaukL5YvZtmizUYxHZuFLetnJgCLcBGAs/s1600/images%2B%25283%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="415" data-original-width="739" height="179" src="https://4.bp.blogspot.com/-cMCGAfsHSgY/XMW-sSi5spI/AAAAAAAAHg8/386ndvNlaukL5YvZtmizUYxHZuFLetnJgCLcBGAs/s320/images%2B%25283%2529.jpeg" width="320" /></a></div>
मरद अभी बच्चा बा, आइटम सॉन्ग दुल्हिन गंगा पार के इस फ़िल्म का यह गाना यूट्यूब पर 100 मिलियन से अधिक पर देखा जा चुका हैं गाने में आम्रपाली दुबे और खेसारी लाल यादव मुख्य भूमिका में हैं गीत को खेसारी लाल यादव और प्रियंका सिंह में आवाज दिया हैं गीत को पवन पांडे और संगीत को मधुकर आन्नद ने दिया हैं । अगर बात करे ये गाना फ़िल्म में कितना जरूरी था तो ये गाना फ़िल्म के कहानी के हिसाब से इस गाने का कोई मोल फ़िल्म में नही था । बस दर्शक को फ़िल्म की तरफ आकर्षित करने के लिए इस गाने को फ़िल्म में डाल गया । गीत में आम्रपाली दुबे का बोल्ड अदाएं और खेसारी लाल का बम्पर डांस फ़िल्म को लोकप्रिय बनने का काम करती हैं । फ़िल्म के रिलिक्स भी बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया गया । गीत के रिलिक्स की बात के तो गीत में सुहागिन औरत अपने पति को बच्चा बता रही हैं <br />
फुलत देह तोहार झूलत जाता इ ना अच्छा बा,<br />
फुलत देह तोहार झूलत जाता इ ना अच्छा बा,<br />
का बताई हो..( है बताई हो...)<br />
कबो सेजिया पे मारे नही गच्चा,<br />
मरद अभी बच्चा बा ,<br />
कबो सेजिया पे मारे नही गच्चा<br />
मरद अभी बच्चा बा...<br />
चाईली आग जैसे तावा मारता जवानी,<br />
सुना जाईबु तू ठंढाई बिना बर्फ के पानी ये रानी,-2<br />
दूध होर्लिक्स पियाव रोज रोज यदि कच्चा बा,- 2<br />
कईसे कही हो...<br />
कबो सेजिया पे मारे नही गच्चा,<br />
मरद अभी बच्चा बा ,<br />
कबो सेजिया पे मारे नही गच्चा<br />
मरद अभी बच्चा बा...<br />
गीत का संगीत बहुत ही लाजवब बनाया गया हैं जो फ़िल्म के इस गाने को और भी लोकप्रिय बनाती इस गाने को यूट्यूब पर पहले रिलीज किया गया गाना रिलीज होते 24 घण्टे के अंदर 8 मिलियन लोगो मे देखा जिसका प्रभाव फ़िल्म पर भी पड़ा और इस गाने ने फ़िल्म की लोकप्रियता को काफी हद तक बढ़ाया हैं।<br /></div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-59478565039171771742019-04-28T20:15:00.002+05:302019-04-28T20:15:09.811+05:30दुल्हिन गंगा पार के भोजपुरी फ़िल्म<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://4.bp.blogspot.com/-6nxpX0H6xFQ/XMW8YYvtt0I/AAAAAAAAHgw/K30hTES3RxMbL2FoHqdnWG-0n2mW_mY0wCLcBGAs/s1600/images%2B%25282%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="415" data-original-width="739" height="179" src="https://4.bp.blogspot.com/-6nxpX0H6xFQ/XMW8YYvtt0I/AAAAAAAAHgw/K30hTES3RxMbL2FoHqdnWG-0n2mW_mY0wCLcBGAs/s320/images%2B%25282%2529.jpeg" width="320" /></a></div>
दुल्हिन गंगा पार के यह फ़िल्म एक पारिवारिक फ़िल्म हैं जिसे हम साथ में बैठ कर देख सकते हैं ये फ़िल्म यशी म्यूजिक के ऑफिशयल अकाउंट पर अपलोड किया गया हैं। फ़िल्म के निर्देशक और लेखक असलम शेख की निर्देशन में बनी फिल्म दुल्हिन गंगा पार फ़िल्म में भोजपुरिया संस्कार देखने को मिलता हैं । फ़िल्म परिवारिक होने के नाते घर और समाज के रीत - रिवाज को बहुत अच्छे और व्यस्थित ढंग से प्रस्तुत किया गया हैं। फ़िल्म में एक्शन के साथ कॉमेडी का भी भरपूर उपयोग किया गया हैं कही - कही इमोशनल भी करती हैं फ़िल्म फ़िल्म के गाने लगभग सभी गाने हिट हैं । फ़िल्म की बात करे तो ये फ़िल्म एक छोटी बच्ची कृति (कृति यादव) के ऊपर बना गया हैं कृति के बचपन मे ही माँ और पापा के मौत हो जाती हैं कृति अपने चाचा कृष्णा (खेसारी लाल यादव) को ही पापा मानती हैं खेसारी लाल अपने एक्शन और गानों की वजह छाए रहे । कृति के दिल मे छेद रहता हैं <br />
कृष्णा नही चाहता उसे कोई दिक्कत हो इसी लिए उसकी हर मनोकामना पूरा करता हैं लेकिन एक दिन कृति अपने मम्मी के बारे में पूछती हैं तो कृष्णा उसे एक कहानी सुना देता हैं और कि तुम्हारी मम्मी गंगा के धाम गयी हैं जल्दी आ जायेगी । कृति गंगा के तीरे रोज अपनी माँ का इंतजार करती एक दिन गंगा में एक औरत बह कर आती हैं राधा (काजल राघवानी) को ही कृति अपनी माँ समझ लेती हैं और उसे आने घर ले आती हैं कृष्णा और राधा की शादी को जाती हैं फ़िल्म में बीच - बीच में गानों का आना लगा रहता हैं । फ़िल्म के विलन अवधेश मिश्रा जो राघा के प्यार में पागल हैं वो राघा से शादी करता करना चाहता हैं । उसी के चलते फ़िल्म में एक्शन होता हैं । हर फिल्म की तरह इस फ़िल्म में भी हैप्पी एन्ड होता जाता हैं । <br />
<br />
फ़िल्म घर परिवार में होने वाला संस्कार को भी दिखया गया हैं कि बड़ो को किस तरह इज्जत देनी चाहिए ।</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-64664880707225269762019-04-28T20:10:00.000+05:302019-04-28T20:10:10.390+05:30तर तर पसीना - डमरू <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://2.bp.blogspot.com/-TCCVsjaKcCM/XMW7EDKq6eI/AAAAAAAAHgk/kcsrkj2l4Q4dzgXNaDrCiGZsJXQp-rqiACLcBGAs/s1600/images%2B%25281%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="415" data-original-width="739" height="179" src="https://2.bp.blogspot.com/-TCCVsjaKcCM/XMW7EDKq6eI/AAAAAAAAHgk/kcsrkj2l4Q4dzgXNaDrCiGZsJXQp-rqiACLcBGAs/s320/images%2B%25281%2529.jpeg" width="320" /></a></div>
यह डमरू फ़िल्म का दूसरा सुपर डुपर हिट गाना हैं "तर तर पसीना " छूटता ये गाना डमरू फ़िल्म को काफी लोकप्रिय बनता हैं ये गाना जिस तरीके से फिल्माया हैं कोई भी बिना थिरके नही रह सकता हैं । गाने को स्वर दिया हैं खेसारीलाल यादव और ममता उपाध्याय ने और गाने को म्यूजिक फ़िल्म के निर्देशक रजनीश मिश्रा ने दिया हैं और गाने को श्याम देहाती ने लिखा हैं यह गाना यूट्यूब पर अब कब 4 करोड़ 42 लाख 36 हजार 4 सौ 24 बार देखा जा चुका हैं इससे पता चलता हैं यह गाना फ़िल्म के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं और फ़िल्म को कितना लोकप्रिय बनाया हैं।<br />
गाने की शुरुआत में खेसारी लाल विश्वामित्र की तरह तपस्या करते नजर आ रहे हैं तो वही एक्ट्रेस यशिका कपूर ,तो इस फ़िल्म में गौरी का किरदार निभा रही हैं , रंभा की तरह उनकी तपस्या भंग करने की कोशिश करती दिख रही हैं । फ़िल्म के इस गाने के लिरिक्स की बात करे तो श्याम देहाती जी बहुत ही सुसज्जित ढंग से लिखा हैं<br />
<br />
तावा के जईसन तवल देहिया में,<br />
लभ के लावा फुटेला हो,<br />
तावा के जईसन तवल देहिया में ,<br />
लभ के लावा फुटेला हो....<br />
सटेलू पास साँस करेला सर - सर <br />
तर तर पसीना ना छुटेला हो..<br />
सटेलू पास साँस करेला सर - सर <br />
तर तर पसीना ना छुटेला हो..<br />
सटेलू पास साँस करेला सर - सर <br />
<div style="text-align: justify;">
जितना सुंदर गाने रिलिक्स हैं उतना ही सुंदर गाने का म्यूजिक भी बनाया गया गाने का म्यूजिक भी इस गाने को लोकप्रिय बनाता हैं । गाने में डांस और रोमांस दर्शक को अपनी तरफ आकर्षित करता हैं । गाने की क्वालिटी की बात की जाए तो लाइट और इफेक्ट के माध्यम से सजाया गया हैं । फ़िल्म रिलीज होने से पहले गाने को यूट्यूब पर रिलीज कर दिया गया था । ताकि दर्शक ये गाना से अंदाजा लगा सके की फ़िल्म कैसी हैं अगर देखा जाए तो ये गाना फ़िल्म को लोकप्रिय बनने में कभी सफल रही हैं।</div>
</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-83162904355596930092019-04-28T02:24:00.003+05:302019-04-28T02:24:55.425+05:30भोजपुरी फिल्मों की लोकप्रियता<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://3.bp.blogspot.com/-XW9mA-3qxnE/XMTBSgy7pGI/AAAAAAAAHgY/u3uuyhZuErARL66ZHsZPB2dm3VFfW6xngCLcBGAs/s1600/images%2B%25282%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="360" data-original-width="480" height="240" src="https://3.bp.blogspot.com/-XW9mA-3qxnE/XMTBSgy7pGI/AAAAAAAAHgY/u3uuyhZuErARL66ZHsZPB2dm3VFfW6xngCLcBGAs/s320/images%2B%25282%2529.jpeg" width="320" /></a></div>
<blockquote class="tr_bq">
<ul style="text-align: left;">
<li style="text-align: justify;">भोजपुरी फ़िल्म देश के साथ - साथ विदेशो में भी लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी हैं इस प्रकार इन फिल्मों ने देश ही नही विदेशो में भी भोजपुरी को प्रोत्साहित किया हैं । आज देश में मनोरजन का सर्वाधिक प्रालित साधन भोजपुरी फ़िल्म बन चुकी हैं देश के हर कोने में भोजपुरी फ़िल्म आ लोग देख रहे हैं और भोजपुरी फिल्मो की लोकप्रियता भी बढ़ी हैं जब 1960 के दशक में पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद जी भोजपुरी फ़िल्म बनाने के लिए कहा जिस वजह से 1963 में पहली फ़िल्म 'गंगा मैया तोहे पीयरी चढ़ईबो' बिसननाथ प्रसाद शाहाबादी ने निर्मित किया । भोजपुरी सिनेमा पहले की अपेक्षा बर्तमान में बहुत बदल गया हैं और साथ में भोजपुरी सिनेमा के चाहने वाले की संख्या बढ़ गया हैं। भोजपुरी, फ़िल्म के अभिनेता खेसारी लाल यादव ,पवन सिंह,दिनेशलाल यादव , रवि किशन , मनोज तिवारी, और अभिनेत्री, काजल राघवानी, अक्षरा सिंह , आम्रपाली दुबे ऐसे फ़िल्म अभिनेता और अभिनेत्री के आगमन से भोजपुरी सिनेमा कभी लोकप्रिय हुआ हैं बर्तमान समय में भोजपुरी फिल्में भी अब अश्लीलता के परे फिल्मे बन रही हैं जिसे लोग देखना अधिक प्रसन्द कर रहे हैं । एक समय था जब भोजपुरी फिल्मों को लोकप्रिय बनने के लिए अश्लीलता का सहारा लिया लिया जाता था । भोजपुरी फ़िल्म को लोकप्रिय बनने में सोशल मीडिया का भी बहुत बड़ा योगदान रहा हैं । यूट्यूब बहुत बड़ी भूमिका निभा रही रही हैं भोजपुरी फिल्मों को लोकप्रिय बनने में साथ मे फ़िल्म के गानों की भी बड़ी महत्ता होती हैं किसी फिल्म को लोकप्रिय बनने में और भोजपुरी फ़िल्म का क्षेत्र दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हैं । </li>
</ul>
</blockquote>
</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-29264120509730997892019-04-28T02:02:00.001+05:302019-04-28T02:02:31.384+05:30मौसम सुहाना आ गईल - डमरू फ़िल्म सांग<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://1.bp.blogspot.com/-GRCUI7awXtM/XMS8GrEcAmI/AAAAAAAAHgM/D7FqB855NJYDgIzYwZqPIKUTUne1EROzgCLcBGAs/s1600/hqdefault.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="360" data-original-width="480" height="240" src="https://1.bp.blogspot.com/-GRCUI7awXtM/XMS8GrEcAmI/AAAAAAAAHgM/D7FqB855NJYDgIzYwZqPIKUTUne1EROzgCLcBGAs/s320/hqdefault.jpg" width="320" /></a></div>
फ़िल्म का पहला गाना "मौसम सुहाना आ गईल " में खेसारी लाल यादव खेतो में लहलहाते हुए फसलो के साथ और कहीं आम के पेड़ की डाली पर बैठ कर गाना गाते नजर आ रहे हैं इस गाने में गांव के खेत - खलिहान और खेतों की हरियाली को बहुत अच्छे तरह से दिखया गया हैं यह गाना फ़िल्म को बाध लेती हैं फ़िल्म का ये गाना फ़िल्म के पहले रिलीज हो गया था ताकि दर्शक इस गाने को देख सके और फ़िल्म का एक अनुमान लगा सके कि गाना इतना अच्छा हैं तो फ़िल्म कितना अच्छा होगा। इस गाने का प्रभाव फ़िल्म पर बहुत पड़ा और फ़िल्म की लोकप्रियता को बढ़ा दिया । गाने का रिलिक्स बहुत ही सुंदर और व्यस्थित ढंग से लिखा गया हैं। गाने के रिलिक्स अशोक कुमार "डीप" ने लिखा हैं।<br />
जैसे - <br />
अमवा के डरिया पर कुहू के कोयलिया, लब तराना आ गईल <br />
नाचे ता तन मोरा झूमता मनवा, मौसम सुहाना आ गईल<br />
कालिया के ख़िलाला से खुशबू भरल बा,चलेला पूरबी बयरिया<br />
भावरा बजावत बा नानकी तलइया में, लागेला हमारे सिवानवा में उठ के , ब्रज बरसाना आ गईल<br />
नाचे ता तन मोरा झूमता मनवा, मौसम सुहाना आ गईल<br />
<br />
फ़िल्म के गाने का रिलिक्स देख कर लगता हैं कि गाने में मौसम के बारे में भी बताया गया हैं गाने के बोल बहुत ही सुंदर तरीके से बनाया गया हैं। और गाने की म्यूजिक की बात करे तो इस गाने में म्यूजिक रजनीश मिश्रा ने दिया हैं जो फ़िल्म के निर्देशक भी हैं म्यूजिक को गाने के बोल के हिसाब से प्यारा और मधुर बनाया गया हैं जो फ़िल्म को एक नया रूप प्रदान करती हैं। फ़िल्म में खेसारी लाल यादव व यशिका कपूर के डांस भी फ़िल्म की लोकप्रियता बढ़ाने का काम किया हैं ।<br /></div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-84476165890602022362019-04-28T01:50:00.000+05:302019-04-28T01:50:21.592+05:30भोजपुरी सिनेमा का इतिहास<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://2.bp.blogspot.com/-po4CkRCPc0A/XMS4xCT7thI/AAAAAAAAHgA/d45Snw0wmf4MH7d_fE8VSmwDpTs8TRMRgCLcBGAs/s1600/images%2B%25281%2529.jpeg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="452" data-original-width="678" height="213" src="https://2.bp.blogspot.com/-po4CkRCPc0A/XMS4xCT7thI/AAAAAAAAHgA/d45Snw0wmf4MH7d_fE8VSmwDpTs8TRMRgCLcBGAs/s320/images%2B%25281%2529.jpeg" width="320" /></a></div>
भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत 1960 के दशक में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने बालीबुड अभिनेता नाजीर हुसैन से मुलाकात की और उन्होंने भोजपुरी में एक फ़िल्म बनाने के लिए कहा , नाजीर हुसैन ने सन 1963 में पहली भोजपुरी फ़िल्म गंगा मैया तोहे पीयरी चढाईबो रिलीज हुई और भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत हुई । यह फ़िल्म निर्णाल पिक्चर्स के बैनर के तहत बिसननाथ प्रसाद शाहाबादी द्वारा निर्मित किया गया और कुंदन द्वारा निर्देशित थी ।<br />
भोजपुरी फ़िल्म उघोग के रूप में 1980 के दशक में किया जाने लगा सन 1983 में हमार भाजी कल्पतरु द्वारा निर्देशक फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कम से कम छिटपुट सफलता हासिल की।<br />
सन 1982 में हिंदी और भोजपुरी में बनी फिल्म नदिया के पार निर्देशित गोविंद मनीष द्वारा ब्लफ मास्टर फिल्म रही। राजकुमार शर्मा द्वारा निर्देशित माई 1989 में आई अगर देखा जाए तो सन 1990 में इस भोजपुरी फिल्म उद्योग पूरी तरह से समाप्त हो गया था।<br />
भोजपुरी फिल्म उद्योग फिर सन 2001 में शुरू हुआ मोहन प्रसाद द्वारा निर्देशित फिल्म मेरी स्वीटहार्ट जिसमें नायक रवि किशन को सुपरस्टारडम में गोली मार दी साथ मैं कई भोजपुरी सफल फिल्में आई जिसमें पंडित जी बताई ना बियाह कब होई, सन 2005 में कई फिल्में आई मुझे जब जब शादी करनी होगी, ससुरा बड़ा पैसा वाला,मेरे पास अमीर आदमी नई फिल्में भोजपुरी फिल्म उद्योग में बॉलीवुड की मुख्यधारा की फिल्में की अपेक्षा बिहार और उत्तर प्रदेश में बेहतर कारोबार किया।<br />
ससुरा बड़ा पैसा वाला भोजपुरी सिनेमा की एक लोकप्रिय फिल्म साबित हुई जिसमें नायक मनोज तिवारी जी थे कैरियर की शुरुआत हुई।<br />
सन 2008 में रवि किशन भोजपुरी फिल्मों के अग्रणी अभिनेता थे भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रियता फिल्मों की बेहद तीव्र से सफलता ने नाटकीय वृद्धि को जन्म दिया साथ में उद्योग और पुरस्कार दिखाने देने का समर्थन किया और एक व्यापार पत्रिका,भोजपुरी सिटी जो उत्पादन और उसके बाद के रिलीज के बारे में बताता है<br />
भोजपुरी सिनेमा में मुख्यधारा बॉलीवुड सिनेमा के कई प्रमुख सितारे जिसमें अभिनेता अभिताभ बच्चन और साथ में मिथुन चक्रवर्ती भोजपुरी फिल्म भोले शंकर जो सन 2008 में रिलीज हुई उसमे साथ में काम किया । भोजपुरी सिनेमा में उस समय वह फिल्म सबसे बड़ी हिट फिल्म मानी गई सन 2008 में सिद्धार्थ गाना 21 मिनट की डिप्लोमा भोजपुरी फिल्म उडेह मना (अमक्रोवेल) को बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में विश्व प्रीमियम के लिए चुना गया था बाद में इसे बेस्ट लघु फ़िल्म फिक्शन फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।<br />
<br />
भोजपुरी कवि मनोज भावक ने भोजपुरी सिनेमा का इतिहास लिखा है भावत भोजपुरी सिनेमा का विश्वकोश के व्यापक रूप में से जाना जाता है।<br /></div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-40443051626441255302018-07-31T16:39:00.001+05:302018-07-31T16:39:05.712+05:30भक्ति भोजपुरी सांग<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<iframe allowfullscreen='allowfullscreen' webkitallowfullscreen='webkitallowfullscreen' mozallowfullscreen='mozallowfullscreen' width='320' height='266' src='https://www.blogger.com/video.g?token=AD6v5dyJCUube3cY7LPDJfFAWYl6C9Ph3liawAHZPPBqe4OW4U1Fznd2tKtsysKbN93y2DR75-2OOfCjsIl4D8itGA' class='b-hbp-video b-uploaded' frameborder='0'></iframe></div>
एक बार जरूर सुने</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-32731701566246829782018-04-10T20:06:00.002+05:302018-04-10T20:06:51.816+05:30शायद जिंदादिली इसी को कहते हैं <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
प्राप्त-व्हाट्सएप्प<br />
दिल के टूटने पर भी हंसना शायद जिंदादिली इसी को कहते हैं ,ठोकर लगने पर भी मंजिल तक भटकना शायद तलाश इसी को कहते हैं, किसी को चाह कर भी ना पाना शायद चाहत इसी को कहते हैं,टूटे खंडहर में बिना तेल के दीए जलाना शायद उम्मीद किसी को कहते हैं, गिर जाने पर भी फिर से खड़ा होना शायद हिम्मत इसी को कहते हैं, और ये उम्मीद, हिम्मत चाहत तलाश शायद इसी को जिंदगी कहते हैं।".. </div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-82490503065613725542018-03-25T21:28:00.001+05:302018-03-25T21:28:05.459+05:30बिहार दिवस<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://3.bp.blogspot.com/-WrXJ8jB-9Cg/WrfG5bULerI/AAAAAAAAGE8/fZb8Hla3xIkaLEa6hwomdenGnc2mCP9RQCLcBGAs/s1600/FB_IMG_1521993021937.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="719" data-original-width="720" height="319" src="https://3.bp.blogspot.com/-WrXJ8jB-9Cg/WrfG5bULerI/AAAAAAAAGE8/fZb8Hla3xIkaLEa6hwomdenGnc2mCP9RQCLcBGAs/s320/FB_IMG_1521993021937.jpg" width="320" /></a></div>
नीरज सिंह<br />
दिल्ली विश्वविद्यालय<br />
<br />
बिहार से दिल्ली होखे<br />
अउरी बैग में सतुआ के लिटी होखे<br />
बाबू जी के दिहल कुछु पईसा होखे<br />
ओहि पईसावा में लउकत बाबू जी के बड़का बन के आई<br />
ई बोले वाला बतिया होखे<br />
माई के हथवा से बुनल ऊन के सुइटर होखे<br />
बड़का बहिनिया के बेगवा से चुराईल एगो दुगो कल्मवा होखे <br />
आपन गइया के दुधवा से बनल एक डब्बा घी होखे<br />
ट्रेनवा चाहे कउनो होखे<br />
खाली बनारस से होके दिल्ली जात होखे<br />
लकठो ओमें बेचात होखे<br />
दिल्ली में अइसन बात होखे<br />
रात से सुबह तक ख़ाली अंजोरिया रात होखे<br />
अउरी रोज दाल चावल चोखा बनत होखे<br />
आम के आचार आपन लोटवा अमवा के पेड़वा के होखे<br />
तब का बिहार अउर दिल्ली होखे<br />
रोज मजा कटाई अगर अइसन बिहारी वाली बात होखे...।<br />
<br /></div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-12885345579300803852018-03-25T21:14:00.000+05:302018-03-25T21:14:15.145+05:30काश तुम होती ।<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://3.bp.blogspot.com/-PXTULc6j_qc/WrfDjgaQtaI/AAAAAAAAGEk/rwqo1rZk9JMd4Me5lMEvnN82pQ_zxq8_QCLcBGAs/s1600/20180325_210957.png" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="870" data-original-width="720" height="320" src="https://3.bp.blogspot.com/-PXTULc6j_qc/WrfDjgaQtaI/AAAAAAAAGEk/rwqo1rZk9JMd4Me5lMEvnN82pQ_zxq8_QCLcBGAs/s320/20180325_210957.png" width="264" /></a></div>
नीरज सिंह<br />
दिल्ली विश्वविद्यालय<br />
<br />
काश तुम होती<br />
<br />
सड़कों पर चलता तो हूँ<br />
अगर तुम साथ होती तो सफ़रनामा बन जाता<br />
<br />
सिगरेट पीने से आज-कल सभी रोकने लगे हैं मुझे<br />
गर तुम रोकती तो बात अलग होती<br />
<br />
चाय के साथ अक्सर धुँआ ही उड़ा रहा हूँ<br />
अगर चाय तुम्हारे हाथों की होती तो बात कुछ और होती<br />
<br />
याद आती हैं तुम्हारी जब हम अकेले होते हैं<br />
साथ न छोड़ा होता तो बात ही कुछ और होती<br />
<br />
रातों को नींद में <br />
दिनों में रूह में तुम ही होती हो<br />
दूर न होती तो बात ही अलग थी<br />
<br />
वो बात-बात पर गुस्सा होना तुम्हारा<br />
वो गुस्सा अगर प्यार से करती तो बात ही अलग थी<br />
<br />
वो सफ़ेद कुर्ता अभी भी पहनता हूँ<br />
बस उस पर तुम्हारे बाहों की खुश्बू होती तो बात ही अलग थी ।<br />
<br /></div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-25108485869467060972018-03-23T01:01:00.002+05:302018-03-23T01:01:32.457+05:30आपको हँसने का हुनर रखते हैं ।<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
जयदीप कुमार<br />
आपके जख्मो को खरीदने का हुनर रखते है<br />
आपके दर्द को मिटाने का हुनर रखते है.<br />
मेरे आँखों में भले आँसुओ का सागर हो<br />
लेकिन आपको हँसाने का हुनर रखते है.</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-59474946662932210322018-03-20T12:42:00.000+05:302018-03-20T12:42:18.788+05:30हमे कही मत ढूढ़ना ।<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
नीरज सिंह<br />
आज सुबह उठा तो एक बड़ा ही दुःखद समाचार सुना कि बलिया के महान कवि और लेखक अब नहीं रहें । केदारनाथ जी को पढ़ कर मैंने कविताएं लिखनी शुरू की<br />
बहुत कुछ सीखा हैं उनसे । दरअसल वो मरे नहीं हैं हमारे बीच मे हैं हमारे यूपी के हर नोजवान की सासों में हैं आप उन्हें महसूस कर सकते हैं<br />
उनके ऊपर कुछ लाइन लिखी हैं 😞<br />
<br />
हमें कही मत ढूंढना<br />
न बलिया में, न बलिया की उन प्यारी-प्यारी सड़को पर<br />
न ही खेतों में , न किसी बगीचों में<br />
न उस छत जहाँ बैठ के पूरे जग को समझा !<br />
<br />
मैं नही मिलूँगा तुम्हें बनारस के घाटों पे<br />
न उन में बह रहे सीतल जलो में<br />
न उस जल पर चल रही नाव में<br />
न बनारस के हवाओं में<br />
और न ही उड़ रही उस आवारा पंछी में !<br />
<br />
हमें मत ढूंढना कहि<br />
बलिया के स्टेशन पर<br />
वहां बने हजारी प्रसाद जी के पुस्तकालय में<br />
स्टेशन पर बैठें किसी गरीब माँ के आँचलो में<br />
वहाँ जो पेड़ हैं उनके सूखे पत्तों पर !<br />
<br />
बलिया से जो सड़क बिहार जाती हैं<br />
उस पर नहीं मिलूँगा में<br />
गंगा जी के तीरे नहीं बैठूंगा में<br />
निमिया के गछिया पर<br />
रस पीने नहीं आऊंगा में !<br />
<br />
बलिया से बनारस इसके बीच नहीं आऊँगा में<br />
गाजीपुर में जाकर कविताएं नहीं लिखूंगा में<br />
फेफना में धान के खेतो में नहीं उगुगा में<br />
औड़िहार के पकौड़ो नही चखने आऊँगा में<br />
सारनाथ में घूमते नहीं दिखूंगा में<br />
ट्रेन चले या न चले<br />
बलिया से बनारस के बीच उनकी हवाओं में नहीं उड़ने आऊंगा में !<br />
<br />
बोल देना मेरे चाहने वालों को<br />
भूल जाए हमें<br />
में अब न आ पाउँगा<br />
में उन्हीं में अपने आप को छोड़ के जा रहा हूँ<br />
वो रोए न मुझे याद करके बोलना उन्हें<br />
उनके आँसुओ में आऊंगा में .......।<br />
<br /></div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-72361097356513954902018-03-19T23:06:00.000+05:302018-03-19T23:06:20.355+05:30महाराणा प्रताप की वीरता पर श्याम नारायण पांडेय की कविता<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<iframe width="320" height="266" class="YOUTUBE-iframe-video" data-thumbnail-src="https://i.ytimg.com/vi/8ZP2XlY1VlM/0.jpg" src="https://www.youtube.com/embed/8ZP2XlY1VlM?feature=player_embedded" frameborder="0" allowfullscreen></iframe></div>
कविता पाठ- आकाश सिंह</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-53962025161084913342018-03-19T23:00:00.002+05:302018-03-19T23:00:47.845+05:30जिससे मैंने प्यार किया ।- प्रभात<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
जिससे मैनें प्यार किया , वो प्यार नही एक सपना था<br />
प्यार के बदले धोखा दिया , इंसान कहाँ वो अपना था<br />
रह कर उसकी यादो में देखु ,उसकी निगाहों को<br />
रुका खड़ा हूँ उसी राह पर जहाँ मुझे वह छोड़ गई<br />
उसके प्यार में पड़ कर अपनी असलियत को भूल गया<br />
जिससे मैन प्यार किया , वो प्यार नही एक सपना था<br />
<br />
तुम ही मुझके ऐसे मिले, कोई और नहीं हैं तुम्हारे जैसा<br />
उसने तोड़ दिया रिश्ता, खुद को समझाना कैस<br />
सच्चे प्यार में पड़कर जाना, इतना कहां मालूम था<br />
जिससे मैनें प्यार किया , वो प्यार नही एक सपना था<br />
<br />
गाता गाता चल पड़ा हूँ, तन्हाई ले ख्वाबों में<br />
प्रेम से मैंने लिख दी है, दबी हुई भावनाओं को<br />
तुमसे ही क्यों प्यार हुआ, दिल से इतना क्यों चाहा था-</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-74040134609862824082018-03-16T10:23:00.000+05:302018-03-16T10:23:07.522+05:30मिल कर सभी पेड़ लगाए<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<iframe width="320" height="266" class="YOUTUBE-iframe-video" data-thumbnail-src="https://i.ytimg.com/vi/HEpr4Sy5NYA/0.jpg" src="https://www.youtube.com/embed/HEpr4Sy5NYA?feature=player_embedded" frameborder="0" allowfullscreen></iframe></div>
राजा चौधरी</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-82381712288306085582018-03-15T19:27:00.000+05:302018-03-15T19:27:14.737+05:30राम मंदिर और लव जिहाद<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<iframe width="320" height="266" class="YOUTUBE-iframe-video" data-thumbnail-src="https://i.ytimg.com/vi/htM9TX9vGBw/0.jpg" src="https://www.youtube.com/embed/htM9TX9vGBw?feature=player_embedded" frameborder="0" allowfullscreen></iframe></div>
आकाश सिंह</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-34403711068019763212018-02-23T00:07:00.003+05:302018-02-23T00:07:34.706+05:30बलिदान<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
</div>
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://2.bp.blogspot.com/-fqM1CvsRGv8/Wo8Nr2EI20I/AAAAAAAAFsw/0UNLCAF_rRg4XkOoWe_NcgdIGsWpS2RJACLcBGAs/s1600/IMG-20180201-WA0012.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="1280" data-original-width="960" height="320" src="https://2.bp.blogspot.com/-fqM1CvsRGv8/Wo8Nr2EI20I/AAAAAAAAFsw/0UNLCAF_rRg4XkOoWe_NcgdIGsWpS2RJACLcBGAs/s320/IMG-20180201-WA0012.jpg" width="240" /></a></div>
कुमुद सिंह<br />
<br />
आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी रही होगी उस लड़की की जिसने उसे बिना सोचे समझे अपनी आगे की पूरी ज़िंदगी एक अधेड़ आदमी के साथ गुज़ारने पर बेबस कर दिया???????<br />
<br />
क्या वो इतनी नादान रही होगी की उसे अपनी इच्छायें भी ज्ञात नहीं थीं या फिर उसके आगे ऐसे दो विकल्प रख दिए गए होंगे जो दो होकर भी एक ही हो(जैसा कि अकसर होता है) या फिर उस लड़की के घरवालों ने उसकी खुशियो का गला घोंट कर,उसके रूह को तड़पता छोड़ कर कुछ चंद रूपयों के लिए उसके तन का सौदा कर दिया होगा या फिर गरीबी और दहेजप्रथा के चंगुल से बचने के लिए उसे अपनी इच्छओं और खुशियो का बलिदान देना पड़ा होगा....<br />
खैर, सच्चाई का तो इल्म मुझे नहीं है बस इतना कहूंगी की बलिदान सिर्फ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ही नहीं दिया है बल्कि ये तो हर रोज़ दिया जा रहा है पूरे देश भर में हज़ारों लड़किओ द्वारा बस अन्तर इतना है कि उन्होंने देश में पनप रही बुराइयों को घुटने टिकाने के लिए तन का बलिदान दिया था और आज हम बुराइयों के आगे घुटने टेक कर मन का बलिदान देते है।<br />
#बलिदान</div>
JAYDEEP KUMARhttp://www.blogger.com/profile/12978991243741369383noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2314326264770444736.post-82496122975342758632018-02-23T00:00:00.000+05:302018-02-23T00:00:02.869+05:30मेरे पिता जी<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<iframe width="320" height="266" class="YOUTUBE-iframe-video" data-thumbnail-src="https://i.ytimg.com/vi/fhG9jWZCees/0.jpg" src="https://www.youtube.com/embed/fhG9jWZCees?feature=player_embedded" frameborder="0" allowfullscreen></iframe></div>
लेखक - प्रभात<br />
शीर्षक- मेरे पिता जी<br />
वक्ता- प्रभात</div>
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