प्राप्त-व्हाट्सएप्प
दिल के टूटने पर भी हंसना शायद जिंदादिली इसी को कहते हैं ,ठोकर लगने पर भी मंजिल तक भटकना शायद तलाश इसी को कहते हैं, किसी को चाह कर भी ना पाना शायद चाहत इसी को कहते हैं,टूटे खंडहर में बिना तेल के दीए जलाना शायद उम्मीद किसी को कहते हैं, गिर जाने पर भी फिर से खड़ा होना शायद हिम्मत इसी को कहते हैं, और ये उम्मीद, हिम्मत चाहत तलाश शायद इसी को जिंदगी कहते हैं।"..
दिल के टूटने पर भी हंसना शायद जिंदादिली इसी को कहते हैं ,ठोकर लगने पर भी मंजिल तक भटकना शायद तलाश इसी को कहते हैं, किसी को चाह कर भी ना पाना शायद चाहत इसी को कहते हैं,टूटे खंडहर में बिना तेल के दीए जलाना शायद उम्मीद किसी को कहते हैं, गिर जाने पर भी फिर से खड़ा होना शायद हिम्मत इसी को कहते हैं, और ये उम्मीद, हिम्मत चाहत तलाश शायद इसी को जिंदगी कहते हैं।"..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें