12 फ़रवरी 2018

नारी की भूमिका और महत्व

कुमुद सिंह
Proud to be an indian...
ya..i am proud to be an indian..
इंडिया..वो जगह..
जहाँ नारी को उजाले में पूजते है और अंधेरे में नोंचते है ,
जहाँ नारी को बाहरी दुनिया में सशक्त बनाने के नारे तो लगाते है और वही घर के अंदर उसकी शारीरिक क्षमता कम होने के कारण उस पर अपना ज़ोर आज़माते है ,
जहाँ बेटी पैदा करने के नाम से अछूता भी होना है और वही रात में छूने के लिए बिस्तर पर भी कोई होना चाहिए ,
जहाँ शादी के बाद बीवी की वर्जिनिटी भी चाहिए और शादी से पहले लड़कियों को नॉन-वर्जिन भी करना है,
जहाँ महिलाओं से जुड़े लाल धब्बे से घिन्न भी आती है और उन्ही से बच्चे भी चाहिये,
जहाँ औरत के बच्चे पैदा करने में असमर्थ होने पर उसे 'बांझ','असामाजिक तत्व',आदि जैसे स्वर्ण शब्दो से नवाजते है और खुद के असमर्थता पर अपनी मर्दानगी को नपुंसक शब्द से जुड़ता देख खून खौल उठता है................................
अब बस इससे ज्यादा कहने की हिम्मत नही कर रही है..है तो बहुत कुछ बयान करने को अपने 'incredible india' के बारे में पर अभी यही तक रहने देते है क्योंकि चाहे जो भी हो कहना तो पड़ेगा ही न मुझे की i m proud to be an indian..
#actuallyiamreallyproud

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